[18]-MEMORY{2}
आज Hindi के इस C/C++ programming language tutorial को आगे बढ़ाते हुए हम Memory के बारे में थोडा और जानेंगे. पिछली बार हमने यह जाना कि computer एक बार में 1 byte(8 bits) read करता है. चूंकि हर 1 bit में 0 या 1 में से कुछ store हो सकता है इसलिए 1 byte में 00000000 से लेकर 11111111 तक की कोई भी संख्या (8 अंको की binary संख्या) store हो सकती है. लिखने और पढ़ने में 00000000 और 11111111 आसान नहीं है इसलिए हम इसे decimal में convert करके पढते हैं.
00000000 = 0 (in decimal)
11111111 = 28 -1 = 255 (in decimal)
इसलिए इस 8 bit या 1 byte में 0 से 255 तक की कोई भी संख्या store हो सकती है.
इसी तरह अगर हमें और ज्यादा बड़ी संख्या store करना हो तो हम 2 byte को एक साथ लेकर उसमे store करेंगे. 2 byte में 00000000 00000000 से 11111111 11111111 यानी 0 से 65535 तक कि संख्या store हो सकती है. अब हम देखते हैं कि विभिन्न datatype किस तरह से store किये जाते हैं.
char: ASCII table को देखिये इसमें हर एक अक्षर(character) के सामने एक Decimal संख्या लिखी हैं. जब हम char variable में कोई अक्षर store करते हैं तो computer उस अक्षर के सामने वाली संख्या को store कर देता है. जैसे कि अगर हम 'a' store करते हैं तो उसके सामने लिखी संख्या 97(01100001) store हो जायेगी. उस table के अनुसार किसी भी अक्षर को store करने के लिए 255 से बड़ी संख्या की जरूरत नहीं है इसलिए char को store करने के लिए 1 byte memory कि जरूरत होती है.
short int: short int variable 2 byte(16 bits) में store होता है. 2 byte में 0 से 65535(216-1) तक कि संख्या store कर सकते हैं. चूंकि short int negative value भी ले सकता है इसलिए यह -32768(-215) से 32767(215-1) तक के मान ले सकता है.
unsigned short int: यह भी 2 byte कि जगह लेता है परन्तु negative value नहीं ले सकता इसलिए 0 से 65535 तक के मान ले सकता है.
int: यह 4 byte लेता है और negative value भी ले सकता है इसलिए -231 से 231-1 तक की value ले सकता है.
unsigned int: यह भी 4 byte लेता है परन्तु केवल positive value इसलिए 0 से 232-1 तक की value ले सकता है.
float: इसके store करने का format complex है क्योंकि यह दशमलव value भी ले सकता है. यह 4 byte लेता है.
double: यह 8 byte लेता है और दशमलव value भी ले सकता है.
इसी तरह कुछ और भी datatype होते हैं जिनके बारे में जानना अभी आवश्यक नहीं है.
पिछली बार हमने देखा था कि computer, memory को एक एक byte read कर सकता है. हर byte का एक address होता है जैसे पहली byte का address 0, दूसरी byte का address 1... इस तरह से. जब computer किसी variable की value memory में कहीं किसी byte पर लिखता है तो उस byte का address भी याद रखता है. अगर कोई variable(जैसे int) एक से ज्यादा byte लेता है तो continuous store करते हुए पहली byte का address याद रखा जाता है. जैसे कि अगर int(4 bytes) 101st byte से 104th byte तक store हुआ है तो इस int का address 101 हुआ.
अब आप pointer के बारे में जानने के लिए ready है. अगली बार हम pointer के बारे में पढेंगे.
00000000 = 0 (in decimal)
11111111 = 28 -1 = 255 (in decimal)
इसलिए इस 8 bit या 1 byte में 0 से 255 तक की कोई भी संख्या store हो सकती है.
इसी तरह अगर हमें और ज्यादा बड़ी संख्या store करना हो तो हम 2 byte को एक साथ लेकर उसमे store करेंगे. 2 byte में 00000000 00000000 से 11111111 11111111 यानी 0 से 65535 तक कि संख्या store हो सकती है. अब हम देखते हैं कि विभिन्न datatype किस तरह से store किये जाते हैं.
char: ASCII table को देखिये इसमें हर एक अक्षर(character) के सामने एक Decimal संख्या लिखी हैं. जब हम char variable में कोई अक्षर store करते हैं तो computer उस अक्षर के सामने वाली संख्या को store कर देता है. जैसे कि अगर हम 'a' store करते हैं तो उसके सामने लिखी संख्या 97(01100001) store हो जायेगी. उस table के अनुसार किसी भी अक्षर को store करने के लिए 255 से बड़ी संख्या की जरूरत नहीं है इसलिए char को store करने के लिए 1 byte memory कि जरूरत होती है.
short int: short int variable 2 byte(16 bits) में store होता है. 2 byte में 0 से 65535(216-1) तक कि संख्या store कर सकते हैं. चूंकि short int negative value भी ले सकता है इसलिए यह -32768(-215) से 32767(215-1) तक के मान ले सकता है.
unsigned short int: यह भी 2 byte कि जगह लेता है परन्तु negative value नहीं ले सकता इसलिए 0 से 65535 तक के मान ले सकता है.
int: यह 4 byte लेता है और negative value भी ले सकता है इसलिए -231 से 231-1 तक की value ले सकता है.
unsigned int: यह भी 4 byte लेता है परन्तु केवल positive value इसलिए 0 से 232-1 तक की value ले सकता है.
float: इसके store करने का format complex है क्योंकि यह दशमलव value भी ले सकता है. यह 4 byte लेता है.
double: यह 8 byte लेता है और दशमलव value भी ले सकता है.
इसी तरह कुछ और भी datatype होते हैं जिनके बारे में जानना अभी आवश्यक नहीं है.
पिछली बार हमने देखा था कि computer, memory को एक एक byte read कर सकता है. हर byte का एक address होता है जैसे पहली byte का address 0, दूसरी byte का address 1... इस तरह से. जब computer किसी variable की value memory में कहीं किसी byte पर लिखता है तो उस byte का address भी याद रखता है. अगर कोई variable(जैसे int) एक से ज्यादा byte लेता है तो continuous store करते हुए पहली byte का address याद रखा जाता है. जैसे कि अगर int(4 bytes) 101st byte से 104th byte तक store हुआ है तो इस int का address 101 हुआ.
अब आप pointer के बारे में जानने के लिए ready है. अगली बार हम pointer के बारे में पढेंगे.
[19]-POINTER BASIC{1}
आज Hindi के इस C/C++ programming language tutorial को आगे बढ़ाते हुए हम pointer के बारे में जानेंगे जो C/C++ में सबसे कठिन माना जाता है.
अब हमारे पास एक variable p है जो कि int* type का है और उसमे x का address stored है - means p को print करेंगे तो x का address print हो जायेगा.(ऊपर दिखाए गए अनुसार यहाँ पर x का address 3 है परन्तु अलग अलह time पर C/C++ program run करने पर address अलग अलग आएगा) यदि हमें यह जानना है कि p में जिस Memory का address लिखा हुआ उस memory पर क्या stored है तो *p का use करते हैं(यहाँ p में उस memory का address है जहाँ x है और उस memory यानि x में 5 stored है इसलिए *p यहाँ पर 5 देगा. इसका एक छोटा सा example देखते हैं. इस example को अपने अनुसार change करके चलाकर देखें और experiement करें.
What is Pointer in C/C++ programming language
इससे पहले हम यह जान चुके हैं कोई भी variable Computer की memory में किस तरह से store होता है. जहाँ store होता है उसका address भी होता है जो यह बताता है कि variable की value memory में कहाँ stored है. इस address को ही pointer कहते हैं. C/C++ programming language हमें यह सुविधा देती है कि हम किसी variable का address जान सकें(variable का address = वह Memory address/location जहाँ variable की value stored है). C/C++ programming language में किसी भी variable का address जानने के लिए & का use करते हैं. जैसे कि अगर कोई variable int x; है तो x का address &x से मिल जायेगा. जिस तरह से हम int, char, float etc को variable में store कर लेते हैं उसी तरह किसी variable के address को भी. इसके लिए एक नया datatype होता है जो address store करने के काम आता है जिस तरह से integer store करने के लिए int datatype का use होता है. किसी int variable का address store करने के लिए int* datatype का use करते हैं. इसी तरह char variable का address store करने के लिए char* datatype का use करते हैं. नीचे एक छोटा सा example यह show कर रहा है कि किसी variable में दूसरे variable का address कैसे store करते हैं.int x = 5; int* p; p = &xयहाँ पहले एक int variable x define किया है, फिर p ऐसा variable declare किया है जो किसी int का address store करता है. फिर p variable में x का address डाल दिया है.(जैसा कि हम जानते हैं कि किसी भी variable का address जानने के लिए & का use करते हैं.)
Address→ | 0 | 1 | 2 | 3 | 4 | |
Memory→ | 10000111 | 11100101 | 00100110 | 0000101 | 01100101 | . . . |
↑ | ||||||
p = &x = 3 | int x |
#include <stdio.h> int main() { int x = 5; int* p = &x; printf("x = %d\n",x); printf("address of x = %d\n", p); printf("value at location p = %d\n", *p); scanf("%d", &x); return 0; }आज के लिए इतना ही. अगले topic में Hindi में C/C++ tutorial को आगे बढ़ाते हुए pointer के use देखेंगे.
[20]-STRUCT POINTER{2}
आज Hindi के इस C/C++ programming language tutorial को आगे बढ़ाते हुए हम pointer के बारे में और जानेंगे.
पिछली बार हमने इस C/C++ programming language tutorial में int pointer का example देखा था परन्तु pointer किसी भी datatype का हो सकता है. struct का भी pointer हो सकता है. हम struct pointer का एक example देखते हैं. अगर आपको struct का use करना नहीं आता तो पहले इसे पढ़ लें. C/C++ struct hindi में पढ़ने के लिए यहाँ click करें.
ऊपर दिए गए program को ध्यान से देखिये. r2 address(pointer) है r1 का, इसलिए *r2 हमें struct rectangle देगा(pointer वाले address की value * लगाने पर आती है इसलिए *r2 और r1 एक ही हैं. इसी तरह (*r2).width और r1.width भी एक ही हैं दोनों में से किसी एक को change करने पर दूसरा भी change हो जाता है.)
Important Note about pointer
1. (*r2).width लिखने का shortcut r2->width भी होता है. program मे (*r2).width की जगह r2->width और (*r2).length कि जगह r2->length भी लिख सकते हैं. आप ऊपर दिए गए program में यह लिखकर चलाकर देखें.
2. कोई भी variable declare करने का मतलब है कि उसमे कोई value नहीं डाली(जैसे int x;) और define करने का मतलब है कि उसमे value भी डाल दी है(जैसे int x=1;) अगर आपने pointer सिर्फ declare किया है और उसमे किसी variable का address नहीं डाला तो उससे value read करने में(* का use करके जैसे *r2) program crash हो जायेगा और segmentation fault दे देगा.
आज के लिए इतना ही. अभी pointer के बारे में बहुत कुछ जानना बाकी है.
पिछली बार हमने इस C/C++ programming language tutorial में int pointer का example देखा था परन्तु pointer किसी भी datatype का हो सकता है. struct का भी pointer हो सकता है. हम struct pointer का एक example देखते हैं. अगर आपको struct का use करना नहीं आता तो पहले इसे पढ़ लें. C/C++ struct hindi में पढ़ने के लिए यहाँ click करें.
#include <stdio.h> struct rectangle { int width; int length; }; int main() { struct rectangle r1; r1.width = 10; r1.length = 15; struct rectangle* r2; r2 = &r1; printf("Original width=%d, length=%d\n", (*r2).width, (*r2).length); r1.width = 20; r1.length = 25; printf("r1 changed, width=%d, length=%d\n", (*r2).width, (*r2).length); (*r2).width = 5; (*r2).length = 10; printf("*r2 changed, width=%d, length=%d\n", r1.width, r1.length); return 0; }ऊपर दिए C/C++ program को चला कर देख लें. उसका output यहाँ समझते हैं. main में हमने पहले struct rectangle type का variable r1 define किया है और pointer r2 declare किया है जो struct rectangle का address store कर सकता है. उसमे r1 का address डाल दिया गया है. अब r1 एक variable है और r2 pointer है जिसमे r1 का address है इसलिए अगर हम r1 में value change करते हैं तो r2 से value read करने पर changed value मिलेगी. इसी तरह r2 में value change करते हैं तो r1 से read करने पार changed value मिलेगी.
ऊपर दिए गए program को ध्यान से देखिये. r2 address(pointer) है r1 का, इसलिए *r2 हमें struct rectangle देगा(pointer वाले address की value * लगाने पर आती है इसलिए *r2 और r1 एक ही हैं. इसी तरह (*r2).width और r1.width भी एक ही हैं दोनों में से किसी एक को change करने पर दूसरा भी change हो जाता है.)
Important Note about pointer
1. (*r2).width लिखने का shortcut r2->width भी होता है. program मे (*r2).width की जगह r2->width और (*r2).length कि जगह r2->length भी लिख सकते हैं. आप ऊपर दिए गए program में यह लिखकर चलाकर देखें.
2. कोई भी variable declare करने का मतलब है कि उसमे कोई value नहीं डाली(जैसे int x;) और define करने का मतलब है कि उसमे value भी डाल दी है(जैसे int x=1;) अगर आपने pointer सिर्फ declare किया है और उसमे किसी variable का address नहीं डाला तो उससे value read करने में(* का use करके जैसे *r2) program crash हो जायेगा और segmentation fault दे देगा.
आज के लिए इतना ही. अभी pointer के बारे में बहुत कुछ जानना बाकी है.
सी कोड लेखकों के लिए प्रोग्रामिंग नमूना कार्यक्रम
ReplyDeleteयह पता करें कि दी गई संख्या आर्मस्ट्रांग संख्या है या नहीं सी कोड