आपरेटिंग सिस्टम के प्रकार
उपयोगकर्ता की गिनती के आधार पर आपरेटिंग सिस्टम को दो भागो मे विभाजित किया गया है ।
1)एकल उपयोगकर्ता
एकल उपयोगकर्ता आपरेटिंग सिस्टम वह आपरेटिंग सिस्टम है जिसमे एक समय मे केवल एक उपयोगकर्ता काम कर सकता है ।
1)एकल उपयोगकर्ता
एकल उपयोगकर्ता आपरेटिंग सिस्टम वह आपरेटिंग सिस्टम है जिसमे एक समय मे केवल एक उपयोगकर्ता काम कर सकता है ।
2)बहुल उपयोगकर्ता
वह आपरेटिंग सिस्टम जिसमे एक से अधिक उपयोगकर्ता एक ही समय मे काम कर सकते कर सकते है
वह आपरेटिंग सिस्टम जिसमे एक से अधिक उपयोगकर्ता एक ही समय मे काम कर सकते कर सकते है
काम करने के मोड के आधार पर भी इसे दो भागो मे विभाजित किया गया है ।
1)कैरेक्टर यूजर इंटरफेस
जब उपयोगकर्ता सिस्टम के साथ कैरेक्टर के द्वारा सूचना देता है तो इस आपरेटिंग सिस्टम को कैरेक्टर यूजर इंटरफेस कहते है
उदाहरण डॉस, यूनिक्स
जब उपयोगकर्ता सिस्टम के साथ कैरेक्टर के द्वारा सूचना देता है तो इस आपरेटिंग सिस्टम को कैरेक्टर यूजर इंटरफेस कहते है
उदाहरण डॉस, यूनिक्स
2)ग्राफिकल यूजर इंटरफेस
जब उपयोग कर्ता कम्पयुटर से चित्रो के द्वारा सूचना का आदान प्रदान करता है तो इसे ग्राफिकल यूजर इंटरफेस कहा जाता है ।
उदाहरण विन्डो
जब उपयोग कर्ता कम्पयुटर से चित्रो के द्वारा सूचना का आदान प्रदान करता है तो इसे ग्राफिकल यूजर इंटरफेस कहा जाता है ।
उदाहरण विन्डो
डाटा क्या है?
असिध्द तथ्य अंक और सांख्यिकी का समूह, जिस पर प्रक्रिया करने से अर्थपूर्ण सूचना प्रप्ता होती है।
असिध्द तथ्य अंक और सांख्यिकी का समूह, जिस पर प्रक्रिया करने से अर्थपूर्ण सूचना प्रप्ता होती है।
प्रक्रिया क्या है ?
डाटा जैसे- अक्षर, अंक, सकंख्यिकी या किसी चित्र को सुव्यवस्थित करना उनकी गणना करना प्रक्रिया कहलाती है। डाटा को संकलित कर, जाँचा जाता है और किसी क्रम में व्यवस्थित करनें के बाद संग्रहीत कर लिया जाता है, इसके बाद इसे विभिन्न व्यक्यि (जिन्हें सूचना की आवश्यकता है) को भेजा जाता है। प्रक्रिया में निम्नालिखित पदो का समावेश होता है।
गणना :-जोडना, घटाना, गुड़ा करना, भाग देना।
तुलना :बराबर , बड़ा छोटा, शून्य, धनात्मक ऋणात्मक ।
निर्णय लेना : किसी सर्त के आधार पर विभिन्न अवस्थाएँ।
तर्क: आवश्यक परिणाम को प्राप्त करने के लिए पदों का क्रम।
केवल स्ख्याओं (अंकों) की गणना को ही प्रक्रिया नहीं कहते हैं। कम्प्यूटर की सहायता से दस्तवेजो में त्रुटियाँ ढ़ूढ़ना, टैक्ट को व्यवस्थित करना आदि भी प्रक्रिया कहलाता है।
डाटा जैसे- अक्षर, अंक, सकंख्यिकी या किसी चित्र को सुव्यवस्थित करना उनकी गणना करना प्रक्रिया कहलाती है। डाटा को संकलित कर, जाँचा जाता है और किसी क्रम में व्यवस्थित करनें के बाद संग्रहीत कर लिया जाता है, इसके बाद इसे विभिन्न व्यक्यि (जिन्हें सूचना की आवश्यकता है) को भेजा जाता है। प्रक्रिया में निम्नालिखित पदो का समावेश होता है।
गणना :-जोडना, घटाना, गुड़ा करना, भाग देना।
तुलना :बराबर , बड़ा छोटा, शून्य, धनात्मक ऋणात्मक ।
निर्णय लेना : किसी सर्त के आधार पर विभिन्न अवस्थाएँ।
तर्क: आवश्यक परिणाम को प्राप्त करने के लिए पदों का क्रम।
केवल स्ख्याओं (अंकों) की गणना को ही प्रक्रिया नहीं कहते हैं। कम्प्यूटर की सहायता से दस्तवेजो में त्रुटियाँ ढ़ूढ़ना, टैक्ट को व्यवस्थित करना आदि भी प्रक्रिया कहलाता है।
सूचना क्या है?
जिस डाटा पर प्रक्रिया हो चुकी हो,वह सूचना कहलाती है। अर्थपूर्ण तथ्य,अंक या सांख्यिकी सूचना होती है। दूसरो शब्दों में डाटा पर प्रक्रिया होने के बाद जो अर्थपूर्ण डाटा प्राप्त होता है, उसे सूचना कहतें। अनुरूपता की विभिन्न श्रेणियों का गुण रखने वाली उपयोगी सामग्री होती होती है-सूचना निम्नालिखित कारणों से अति-आवश्यक और साहायक होती है-
(a) यह जानकारी
(b) यह वर्तमान और भविष्य के लिए निर्यय लेने में सहायता करती है
(c) यह भविष्य का मूल्यांकन करने में सहायक है।
जिस डाटा पर प्रक्रिया हो चुकी हो,वह सूचना कहलाती है। अर्थपूर्ण तथ्य,अंक या सांख्यिकी सूचना होती है। दूसरो शब्दों में डाटा पर प्रक्रिया होने के बाद जो अर्थपूर्ण डाटा प्राप्त होता है, उसे सूचना कहतें। अनुरूपता की विभिन्न श्रेणियों का गुण रखने वाली उपयोगी सामग्री होती होती है-सूचना निम्नालिखित कारणों से अति-आवश्यक और साहायक होती है-
(a) यह जानकारी
(b) यह वर्तमान और भविष्य के लिए निर्यय लेने में सहायता करती है
(c) यह भविष्य का मूल्यांकन करने में सहायक है।
सूचना के गुण
हम जानते है कि सूचना किसी प्रणाली के लिए अति अवश्यक कारक हैं इस लिए सूचना में अग्रलिखित गुण होने चाहियेः
(a) अर्थपूर्णता
(b) विस्मयकारी तत्व
(c)पूर्व जानकारी से सहमति
(d)पूर्व जानकारी में सुधार
(e) संक्षिप्तता
(f)शुध्दता या यथार्थता
(g)समयबध्ता
(h) कार्य-संपादन में सहायक
हम जानते है कि सूचना किसी प्रणाली के लिए अति अवश्यक कारक हैं इस लिए सूचना में अग्रलिखित गुण होने चाहियेः
(a) अर्थपूर्णता
(b) विस्मयकारी तत्व
(c)पूर्व जानकारी से सहमति
(d)पूर्व जानकारी में सुधार
(e) संक्षिप्तता
(f)शुध्दता या यथार्थता
(g)समयबध्ता
(h) कार्य-संपादन में सहायक
बाइनरी नंबर रूपान्तरण
हम जानते है की कंप्यूटर की मूल इकाई बस दो होती है ० और १. विश्व स्तरीय गणना के लिये १००० को मानक माना जाता है. मतलब १००० ग्राम = १ किलोग्राम, १००० मीटर = १ किलोमीटर आदि.
कंप्यूटर गणना के लिये अगर दो के गुणक मे १००० के मानक मे देखा जाये अर्थात,
2 X 2 =4
1 X 2 =2
4 X 2 =8
8 X 2 =16
16 X 2 =32
32 X 2 =64
64 X 2 =128
128 X 2 =256
256 X 2 =512
512 X 2 =1024
1024 X 2 =2048
१००० के सबसे नजदीक १०२४ ही आता है. ठीक उससे एक पहले ५१२ आता है जो १००० से बहुत कम है और ठीक एक बाद २०४८ आता है जो १००० से बहुत ज्यादा होती है. इस कारण कंप्यूटर मे १०२४ को ही मानक मान लिया गया हैं.
अब हम डिजिटल नंबर को बाइनरी नंबर मे बदलने की सबसे आसान तरीका देखेंगे.
सबसे पहले हम एक चार्ट इस तरह से बनाएँगे –
……… | 128 | 64 | 32 | 16 | 8 | 4 | 2 | 1 |
अब जिस डिजिटल नंबर को बाइनरी नंबर मे बदलना है उसको लेंगे. उदाहरण के लिये जैसे, 10 को बाइनरी नंबर मे बदलना है तो हम चार्ट मे देखेंगे की किन-किन नंबरों को जोड़ने से 10 होता हैं. तो 8+2=10 होगा. तो हम चार्ट मे 8 के नीचे वाले खाने मे 1, और 2 के नीचे वाले खाने मे 1 लिखेंगे और बचे हुए खाने मे ० लिख देंगे.
……… | 128 | 64 | 32 | 16 | 8 | 4 | 2 | 1 |
1 | 0 | 1 | 0 |
=1010
अर्ताथ 10 का बाइनरी नंबर 1010 हुआ.
दूसरा उदाहरण –
13 को बाइनरी नंबर मे बदलना है तो हम चार्ट मे देखेंगे की किन-किन नंबरों को जोड़ने से 13 होता हैं. तो 8+4+1=13 होगा. तो हम चार्ट मे 8 के नीचे वाले खाने मे 1, और 4 के नीचे वाले खाने मे 1 और 1 के नीचे वाले खाने मे 1 लिखेंगे और बचे हुए खाने मे ० लिख देंगे.
……… | 128 | 64 | 32 | 16 | 8 | 4 | 2 | 1 |
1 | 1 | 0 | 1 |
=1101
अर्ताथ 13 का बाइनरी नंबर 1101 हुआ.
ठीक इसी तरह अगर पहले से बाइनरी नंबर दिया हुआ हो तो उससे इस चार्ट में दाएँ से बाये लिख कर हम डिजिटल नंबर में बदल सकते हैं.
उदाहरण –
……… | 128 | 64 | 32 | 16 | 8 | 4 | 2 | 1 |
1 | 0 | 0 | 1 |
नीचे के खाने मे जहाँ जहाँ १ है अगर उसके योग को देखा जाये तो डिजिटल नंबर आ जाता हैं. ऊपर से चार्ट मे 8 और 1 के नीचे 1 हैं अतः 8+1 करने पर 9 आयेगा.
1001 डिजिटल नंबर 9 होता है.
कंप्यूटर ब्लॉक आरेख
कंप्यूटर पर कोई भी काम पहले से निर्धारित तरीके के अनुसार ही सम्पन्न होता हैं. अर्थात अगर हम की-बोर्ड पर “अ” बटन दबाते है तो वह एक निश्चित प्रक्रीया को पूरा करते हुए ही हमें मोनिटर पर “अ” के रूप में दिखलाई पड़ता हैं.
कंप्यूटर में कोई भी डाटा डालने की क्रिया को इनपुट क्रिया कहते हैं. कंप्यूटर में इनपुट का काम की-बोर्ड या मोउस के द्वारा किया जाता है. जब हम की-बोर्ड में कोई एक बटन दबाते हैं तो वह संकेत केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई को भेजता हैं. वहाँ कण्ट्रोल में जाँच प्रक्रिया के बाद संकेत रजिस्टर में जाता हैं जहाँ प्रांभिक मेमोरी में जाने के बाद वह संकेत दिखने के लिये आउटपुट में भेज दिया जाता हैं. आउटपुट का काम संकेतों को आकृति में दिखाने के लिये किया जाता हैं. जो मुख्यतः मोनिटर या प्रिंटर होते है. मोनिटर में दिखने वाली कॉपी को सोफ्ट कॉपी और प्रिंटर से निकाले गए कॉपी को हार्ड कॉपी कहा जाता हैं.
No comments:
Post a Comment