Saturday, 30 January 2016

मोड्युलेशन
यह किसी जानकारी को लंबी दूरी तक सिग्नल के रूप में भेजने के लिए उपयोग होता हैं. मोड्युलेशन डिजिटल सिग्नल को एनालॉग रूप में बदलने की प्रक्रिया हैं. यह मोडेम (MODEM- Modulator Demodulator) के दुवारा संभव होता हैं. मोडेम एक विद्युत यंत्र हैं जो डिजिटल सिग्नल को एनालॉग मे और एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल मे बदलने का काम करता हैं.
मोड्युलेशन तीन प्रकार के होते है-
१. आयाम (Amplitude) मोड्युलेशन (AM)- इस प्रक्रिया में वाहक सिग्नल का आयाम सूचना युक्त डिजिटल सिग्नल के अनुरूप बदला जाता हैं.
२. आवृति (Frequency) मोड्युलेशन (FM)- इस प्रक्रिया में वाहक सिग्नल की आवृति को सूचना युक्त डिजिटल सिग्नल के अनुरूप बदला जाता हैं.
३.- चरण (Phase) मोड्युलेशन (PM)-इस प्रक्रिया में वाहक सिग्नल के फेज को डिजिटल सिग्नल के अनुरूप बदला जाता हैं.


नेटवर्क इंटरफेस कार्ड
यह एक हार्डवेयर डिवाइस हैं जो कंप्यूटर को नेटवर्क में संचार स्थापित करने में सहायता प्रदान करता हैं. नेटवर्क के अंतर्गत कंप्यूटर एक निश्चित प्रोटोकॉल (कोई काम करने का पूर्व से निर्धारित एक नियम) के तहत डाटा पैकेट को आपस में आदान प्रदान करता हैं.
वायरलेस तकनीक
जैसा कि नाम से ज्ञात होता हैं यह बिना तारो कि तकनीक हैं. अर्थार्त इसके द्वारा डेटा का परिवहन बिना तारों या केबल के होता हैं. इस तकनीक के प्रयोग से केबल में होने वाले खर्च की भी बचत होती हैं. इस तकनीक में केबल के स्थान पर इलेक्ट्रोमग्नेटिक तरंगे, माइक्रोवेव, इन्फ्रारेड आदि के दुवारा डाटा का परिवहन होता हैं. वायरलेस तकनीक के अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं- टेलीविजन रिमोट, मोबाइल फोन, वाई-फाई आदि.
वाई-मेक्स
यह एक डिजिटल वायरलेस संचार प्रणाली हैं. यह तकनीक बिना केबल के ७५ मेगाबाइट / सेकंड ब्रॉडबैंड स्पीड प्रदान करती हैं.
वायरलेस लोकल लूप
यह एक वायरलेस संचार प्रणाली हैं जिसमे उपभोक्ता नेटवर्क से रेडियो आवृत्ति के प्रोयोग से जुड़ते हैं. यह एक बेहतर आवाज तथा उच्च गति डेटा क्षमता प्रदान करता हैं. जिस स्थान पर लैंड लाइन टेलीफोन का प्रवाधान नहीं हैं उस जगह वायरलेस लोकल लूप काकिया जाता हैं. यह CDMA तकनीक पर आधारित होता हैं.


इन्टरनेट सॉफ्टवेयर या वेब ब्राउजर
वेब एक विशाल पुस्तक की तरह हैं तथा वेब ब्राउजर एक सोफ्टवेयर हैं जो कंप्यूटर को इन्टरनेट से जोड़ता हैं. कुछ वेब ब्राउजर निम्नलिखित हैं-
१.       नेटस्केप नेविगेटर
२.       माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्सप्लोरर
३.       मोजिला फ़ायरफोक्स
४.       गूगल क्रोम
५.      ओपेरा आदि
इन सोफ्टवेयर का उपयोग कर हमलोग इन्टरनेट से जुड़ सकते हैं, तथा वेब से अपनी पसंद की जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं. वेब ब्राउजर का प्रयोग कर हम लोग किसी विशेष पेज या लोकेशन पर उसके पता (Address) को टाइप कर जा सकते हैं. URL (Universal resources locater) में प्रयुक्त हो रहे टूल्स और इन्टरनेट पता दोनों रहता हैं. जैसे – URLhttp://www.samidhafoundation.co.cc में टूल्स http (hypertext transfer protocol- यह एक प्रोटोकॉल अर्थार्त एक पूर्व से निर्धारित नियम हैं जिसका काम संकेत को दिए गए इन्टरनेट पता पर भेजना हैं) हैं और इंटरनेट पता www.samidhafoundation.co.cc हैं.

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