कम्प्यूटर अपना काम कैसे करता है ?
1.इनपुट के साधन जैसे की-बोर्ड, माउस, स्कैनर आदि के द्वारा हम अपने निर्देश,प्रोग्राम तथा इनपुट डाटा प्रोसेसर को भेजते हैं ।
2.प्रोसेसर हमारे निर्देश तथा प्रोग्राम का पालन करके कार्य सम्पन्न करता है ।
3.भविष्य के प्रयोग के लिए सूचनाओं को संग्रह के माध्यमों जैसे हार्ड डिस्क, फ्लापी डिस्क आदि पर एकत्र किया जा सकता है ।
4.प्रोग्राम का पालन हो जाने पर आउटपुट को स्क्रीन, प्रिंटर आदि साधनों पर भेज दिया जाता है ।
2.प्रोसेसर हमारे निर्देश तथा प्रोग्राम का पालन करके कार्य सम्पन्न करता है ।
3.भविष्य के प्रयोग के लिए सूचनाओं को संग्रह के माध्यमों जैसे हार्ड डिस्क, फ्लापी डिस्क आदि पर एकत्र किया जा सकता है ।
4.प्रोग्राम का पालन हो जाने पर आउटपुट को स्क्रीन, प्रिंटर आदि साधनों पर भेज दिया जाता है ।
सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट – सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को हिन्दी में केन्द्रीय विश्लेषक इकाई भी कहा जाता है । इसके नाम से ही स्पष्ट है, यह कम्प्यूटर का वह भाग है, जहां पर कम्प्यूटर प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण करता है । सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सी.पी.यू.) को पुनः तीन भागों में बांटा जा सकता है
1. कन्ट्रोल यूनिट
2. ए.एल.यू.
3. स्मृति
1. कन्ट्रोल यूनिट
2. ए.एल.यू.
3. स्मृति
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कन्ट्रोल यूनिट
कन्ट्रोल यूनिट का कार्य कम्प्यूटर की इनपुट एवं आउटपुट युक्तियों को नियन्त्रण में रखना है । कन्ट्रोल यूनिट के मुख्य कार्य है –
1. सर्वप्रथम इनपुट युक्तियों की सहायता से सूचना/डेटा को कन्ट्रोलर तक लाना ।
2. कन्ट्रोलर द्वारा सूचना/डेटा को स्मृति में उचित स्थान प्रदान करना ।
3. स्मृति से सूचना/डेटा को पुनः कन्ट्रोलर में लाना एवं इन्हें ए.एल.यू. में भेजना ।
4. ए.एल.यू.से प्राप्त परिणामों को आउटपुट युक्तियों पर भेजना एवं स्मृति में उचित स्थान प्रदान करना ।
ए.एल.यू.
कम्प्यूटर की वह इकाई जहां सभी प्रकार की गणनाएं की जा सकती है, अर्थमेटिक एण्ड लॉजिकल यूनिट कहलाती है ।
कम्प्यूटर की वह इकाई जहां सभी प्रकार की गणनाएं की जा सकती है, अर्थमेटिक एण्ड लॉजिकल यूनिट कहलाती है ।
स्मृति
किसी भी निर्देश, सूचना अथवा परिणाम को संचित करके रखना ही स्मृति कहलाता है । कम्प्यूटर के सी.पी.यू. में होने वाली समस्त क्रियायें सर्वप्रथम स्मृति में जाती है । तकनीकी रूप में मेमोरी कम्प्यूटर का कार्यकारी संग्रह है । मेमोरी कम्प्यूटर का अत्यधिक महत्वपूर्ण भाग है जहां डाटा, सूचना और प्रोग्राम प्रक्रिया के दौरान स्थित रहते हैं और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपलब्ध होते हैं ।
किसी भी निर्देश, सूचना अथवा परिणाम को संचित करके रखना ही स्मृति कहलाता है । कम्प्यूटर के सी.पी.यू. में होने वाली समस्त क्रियायें सर्वप्रथम स्मृति में जाती है । तकनीकी रूप में मेमोरी कम्प्यूटर का कार्यकारी संग्रह है । मेमोरी कम्प्यूटर का अत्यधिक महत्वपूर्ण भाग है जहां डाटा, सूचना और प्रोग्राम प्रक्रिया के दौरान स्थित रहते हैं और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपलब्ध होते हैं ।
इनपुट युक्ति
आमतौर पर की-बोर्ड एवं माउस है । इनपुट युक्ति एक नली के समान है जिसके द्वारा आँकडे एवं निर्देश कम्प्यूटर में प्रवेश करते है ।
आमतौर पर की-बोर्ड एवं माउस है । इनपुट युक्ति एक नली के समान है जिसके द्वारा आँकडे एवं निर्देश कम्प्यूटर में प्रवेश करते है ।
आउटपुट युक्ति
मुख्य रूप से स्क्रीन एवं प्रिंटर इसका उदाहरण है । इसके अलावा वे सभी युक्ति जो आपको बताए की कम्प्यूटर ने क्या संपादित किया है आउटपुट युक्ति कहलाती है ।
मुख्य रूप से स्क्रीन एवं प्रिंटर इसका उदाहरण है । इसके अलावा वे सभी युक्ति जो आपको बताए की कम्प्यूटर ने क्या संपादित किया है आउटपुट युक्ति कहलाती है ।
संचित युक्ति
यह कम्प्यूटर मे स्थायी तौर पर बहुत अधिक मात्रा मे आंकडो को संचित करने की अनुमती प्रदान करता है । उदाहरण डिस्क ड्राइव, टेप ड्राइव ।
यह कम्प्यूटर मे स्थायी तौर पर बहुत अधिक मात्रा मे आंकडो को संचित करने की अनुमती प्रदान करता है । उदाहरण डिस्क ड्राइव, टेप ड्राइव ।
मूल इकाईयॉं
कंप्यूटर की मूल इकाइयों का मतलब कंप्यूटर की उन बातों से है जिनसे कंप्यूटर की गणनाओं का काम प्रारंभ होता है.
बिट
बिट अर्थात Binary digT, कम्प्यूटर की स्मृति की सबसे छोटी इकाई है । यह स्मृति में एक बायनरी अंक 0 अथवा 1 को संचित किया जाना प्रदर्शित करता है । यह बाइनरी डिजिट का छोटा रूप है. यहाँ एक सवाल उठता हैं की बिट ० और १ ही क्यू होता है ३-४ क्यू नहीं ? तो इसका जवाब दो तरह से आता हैं,
बिट अर्थात Binary digT, कम्प्यूटर की स्मृति की सबसे छोटी इकाई है । यह स्मृति में एक बायनरी अंक 0 अथवा 1 को संचित किया जाना प्रदर्शित करता है । यह बाइनरी डिजिट का छोटा रूप है. यहाँ एक सवाल उठता हैं की बिट ० और १ ही क्यू होता है ३-४ क्यू नहीं ? तो इसका जवाब दो तरह से आता हैं,
– चूकी गणितीय गणना के लिये विज्ञानियों को ऐसा अंक चाहीये था जो किसी भी तरह के गणना को आगे बढ़ाने या घटाने पर गणितीय उतर पर असर न डाले तो केवल ० एक मात्र एसी संख्या हैं जिसे किसी भी अंक के साथ जोड़ने या घटाने पर कोई फर्क नहीं पड़ता और १ एक मात्र ऐसी संख्या हैं जिसे किसी अंक के साथ गुणा या भाग देने पर कोई फर्क नहीं पड़ता.
-दूसरी तरफ इलेक्ट्रॉनिकस में हम जानते हैं की ० और १ क्रमशः ऑन और ऑफ को दिखलाता हैं. कंप्यूटर भी इलेक्ट्रॉनि सिग्नल को ही पहचानता हैं इस कारण ० और १ का उपयोग किया जाता हैं.

बाइट
यह कम्प्यूटर की स्मृति (memory) की मानक इकाई है । कम्प्यूटर की स्मृति में की-बोर्ड से दबाया गया प्रत्येक अक्षर, अंक अथवा विशेष चिह्न ASCII Code में संचित होते हैं । प्रत्येक ASCII Code 8 byte का होता है । इस प्रकार किसी भी अक्षर को स्मृति में संचित करने के लिए 8 बिट मिलकर 1 बाइट बनती है ।
कैरेक्टर
संख्यांको के अलावा वह संकेत है जो भाषा और अर्थ बताने के काम आते है । उदाहरण के लिए हम देखे
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 ! @ # $ % ^ & * ( ) _ – = + | \ ` , . / ; ‘ [ ] { } : ” < > ?
कम्प्यूटर सिस्टम सामान्यतः कैरेक्टर को संचित करने के लिए ASCII कोड का उपयोग करते हैं । प्रत्येक कैरेक्टर 8 बिटस का उपयोग करके संचित होता है ।
संख्यांको के अलावा वह संकेत है जो भाषा और अर्थ बताने के काम आते है । उदाहरण के लिए हम देखे
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कम्प्यूटर सिस्टम सामान्यतः कैरेक्टर को संचित करने के लिए ASCII कोड का उपयोग करते हैं । प्रत्येक कैरेक्टर 8 बिटस का उपयोग करके संचित होता है ।
अव्यावहारिक तौर पर अगर कंप्यूटर को परिभाषित किया जाये तो हम हार्डवेयर को मनुष्य का शरीर और सॉफ्टवेर को उसकी आत्मा कह सकते हैं. हार्डवेयर कंप्यूटर के हिस्सों को कहते हैं, जिन्हें हम अपनी आँखों से देख सकते हैं, छू सकते हैं अथवा औजारों से उनपर कार्य कर सकते हैं! ये वास्तविक पदार्थ है! इसके विपरीत सॉफ्टवेयर कोई पदार्थ नहीं है! ये वे सूचनाएं, आदेश अथवा तरीके हैं जिनके आधार पर कंप्यूटर का हार्डवेयर कार्य करता है! कंप्यूटर हार्डवेयर सॉफ्टवेयर से परिचित होते हैं अथवा सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के हार्वेयर से परिचित एवं उनपर आधारित होते हैं!

हार्डवेयर का निर्माण कारखानों में होता है, जबकि सॉफ्टवेयर कंप्यूटर ज्ञाता के मस्तिष्क की सोच द्वारा बनाएं जाते हैं, जिनके आधार पर कल -कारखाने हार्डवेयर को उत्पादित करते हैं! सामन्य भाषा में कहा जाए तो सॉफ्टवेयर कंप्यूटर द्वारा स्वीकृत विनिर्देश होते हैं जिनके माध्यम से कंप्यूटर कार्य करते हैं! कंप्यूटर हार्डवेयरों के निर्माण में उच्च टेक्नोलोजी का इस्तेमाल किया जता है! इनका निर्माण कल -कारखानों में ही मशीनों व उपकरणों की सहायता से होता है! सॉफ्टवेयर कंप्यूटर सिद्धांतो के आधार पर हार्डवेयर के लिए आवश्यक निर्देश होते हैं, इन्हें तैयार करने के लिए किसी कारखाने की आवश्यकता नहीं होती! कोई भी व्यक्ति जो कंप्यूटर के मूल सिद्धांतो एवं कार्य प्रणाली से परिचित हो अपने मस्तिष्क के उपयोग से सॉफ्टवेयर तैयार कर सकता है
मैमोरी युक्तियॉ
प्राथमिक संग्रहण
यह वह युक्तियाँ होती हैं जिसमें डेटा व प्रोग्राम्स तत्काल प्राप्त एवं संग्रह किए जाते हैं ।
यह वह युक्तियाँ होती हैं जिसमें डेटा व प्रोग्राम्स तत्काल प्राप्त एवं संग्रह किए जाते हैं ।
1.रीड-राइट मेमोरी,रैम(RAM)
Random access memory – कंप्यूटर की यह सबसे महवपूर्ण मेमोरी होती है. इस मेमोरी में प्रयोगकर्ता अपने प्रोग्राम को कुछ देर के लिए स्टोर कर सकते हैं । साधारण भाषा में इस मेमोरी को RAM कहते हैं । यही कम्प्यूटर की बेसिक मेमोरी भी कहलाती है । यह निम्नलिखित दो प्रकार की होती है –
Random access memory – कंप्यूटर की यह सबसे महवपूर्ण मेमोरी होती है. इस मेमोरी में प्रयोगकर्ता अपने प्रोग्राम को कुछ देर के लिए स्टोर कर सकते हैं । साधारण भाषा में इस मेमोरी को RAM कहते हैं । यही कम्प्यूटर की बेसिक मेमोरी भी कहलाती है । यह निम्नलिखित दो प्रकार की होती है –

डायनेमिक रैम (DRAM)
डायनेमिक का अर्थ है गतिशील । इस RAM पर यदि 10 आंकड़े संचित कर दिए जाएं और फिर उनमें से बीच के दो आंकड़े मिटा दिए जाएं, तो उसके बाद वाले बचे सभी आंकड़े बीच के रिक्त स्थान में स्वतः चले जाते हैं और बीच के रिक्त स्थान का उपयोग हो जाता है ।
डायनेमिक का अर्थ है गतिशील । इस RAM पर यदि 10 आंकड़े संचित कर दिए जाएं और फिर उनमें से बीच के दो आंकड़े मिटा दिए जाएं, तो उसके बाद वाले बचे सभी आंकड़े बीच के रिक्त स्थान में स्वतः चले जाते हैं और बीच के रिक्त स्थान का उपयोग हो जाता है ।
स्टैटिक रैम (SRAM) स्टैटिक रैम में संचित किए गए आंकड़े स्थित रहते हैं । इस RAM में बीच के दो आंकड़े मिटा दिए जाएं तो इस खाली स्थान पर आगे वाले आंकड़े खिसक कर नहीं आएंगे । फलस्वरूप यह स्थान तब तक प्रयोग नहीं किया जा सकता जब तक कि पूरी मेमोरी को “वाश” करके नए सिरे से काम शुरू न किया जाए । |
2.रीड ओनली मेमोरी (Read Only Memory)
आधुनिक कंप्यूटर की महत्वपूर्ण मेमोरी ROM उसे कहते हैं, जिसमें लिखे हुए प्रोग्राम के आउटपुट को केवल पढ़ा जा सकता है, परन्तु उसमें अपना प्रोग्राम संचित नहीं किया जा सकता । बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम ( BIOS) नाम का एक प्रोग्राम ROM का उदाहरण है, जो कम्प्यूटर के ऑन होने पर उसकी सभी इनपुट आउटपुट युक्तियों की जांच करने एवं नियंत्रित करने का काम करता है ।
आधुनिक कंप्यूटर की महत्वपूर्ण मेमोरी ROM उसे कहते हैं, जिसमें लिखे हुए प्रोग्राम के आउटपुट को केवल पढ़ा जा सकता है, परन्तु उसमें अपना प्रोग्राम संचित नहीं किया जा सकता । बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम ( BIOS) नाम का एक प्रोग्राम ROM का उदाहरण है, जो कम्प्यूटर के ऑन होने पर उसकी सभी इनपुट आउटपुट युक्तियों की जांच करने एवं नियंत्रित करने का काम करता है ।
प्रोग्रामेबिल रॉम (PROM)
इस स्मृति में किसी प्रोग्राम को केवल एक बार संचित किया जा सकता है, परंतु न तो उसे मिटाया जा सकता है और न ही उसे संशोधित किया जा सकता है । | ![]() | |
इरेजेबिल प्रॉम (EPROM)
इस I.C. में संचित किया गया प्रोग्राम पराबैंगनी किरणों के माध्यम से मिटाया ही जा सकता है । फलस्वरुप यह I.C. दोबारा प्रयोग की जा सकती है ।इलेक्ट्रिकली-इ-प्रॉम (EEPROM) इलेक्ट्रिकली इरेजेबिल प्रॉम पर स्टोर किये गये प्रोग्राम को मिटाने अथवा संशोधित करने के लिए किसी अन्य उपकरण की आवश्यकता नहीं होती । कमाण्ड्स दिये जाने पर कम्प्यूटर में उपलब्ध इलैक्ट्रिक सिगल्स ही इस प्रोग्राम को संशोधित कर देते हैं ।
ऑपरेटिंग सिस्टम
ऑपरेटिंग सिस्टम व्यवस्थित रूप से जमे हुए साफ्टवेयर का समूह है जो कि आंकडो एवं निर्देश के संचरण को नियंत्रित करता है
ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता
आपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर एवंसाफ्टवेयर के बिच सेतु का कार्य करता है कम्पयुटर का अपने आप मे कोई अस्तित्व नही है । यङ केवल हार्डवेयर जैसे की-बोर्ड, मानिटर , सी.पी.यू इत्यादि का समूह है आपरेटिंग सिस्टम समस्त हार्डवेयर के बिच सम्बंध स्थापित करता है आपरेटिंग सिस्टम के कारण ही प्रयोगकर्ता को कम्युटर के विभिन्न भागो की जानकारी रखने की जरूरत नही पडती है साथ ही प्रयोगकर्ता अपने सभी कार्य तनाव रहित होकर कर सकता है यह सिस्टम के साधनो को बाॅटता एवं व्यवस्थित करता है।
आपरेटिंग सिस्टम के कई अन्य उपयोगी विभाग होते है जिनके सुपुर्द कई काम केन्द्रिय प्रोसेसर द्वारा किए जाते है । उदाहरण के लिए प्रिटिंग का कोई किया जाता है तो केन्द्रिय प्रोसेसर आवश्यक आदेश देकर वह कार्य आपरेटिंग सिस्टम पर छोड देता है । और वह स्वयं अगला कार्य करने लगता है । इसके अतिरिक्त फाइल को पुनः नाम देना , डायरेक्टरी की विषय सूचि बदलना , डायरेक्टरी बदलना आदि कार्य आपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किए जाते है । इसके अन्तर्गत निम्न कार्य आते है
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